इलेक्ट्रो होम्योपैथी कॉउंसिल ऑफ़ मध्य प्रदेश के अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश जैन जी आगामी 4 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस पर आयोजित होने वाले एक ऐतिहासिक सम्मेलन में अध्यक्षीय उद्बोधन के दौरान 'भारत में इलेक्ट्रो होम्योपैथी के भविष्य की दिशा: सरकारी मान्यता और समर्थन के लिए संभावनाएँ' विषय पर सम्बोधित करेंगे।
इस सम्मेलन का आयोजन बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में सुबह 10:00 बजे से किया जाएगा। सम्मेलन में डॉक्टरों, विशेषज्ञों, चिकित्सा पद्धतियों के शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं का एक बड़ा दल एकत्रित होगा, जिनका उद्देश्य इलेक्ट्रो होम्योपैथी के महत्व और इसकी सरकारी मान्यता की आवश्यकता पर चर्चा करना है। इस आयोजन के माध्यम से, श्री ओम प्रकाश जैन जी और अन्य वक्ता इलेक्ट्रो होम्योपैथी के लाभों, इसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण, और इसके समाज में स्वीकृति की दिशा में हो रहे प्रयासों पर विस्तार से बात करेंगे।
डॉ. नन्द लाल सिन्हा जी को श्रद्धांजलि
सम्मेलन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है डॉ. नन्द लाल सिन्हा जी के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करना। डॉ. सिन्हा जी ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी को भारत में स्थापित करने और उसे सरकारी मान्यता दिलवाने के लिए अनगिनत संघर्ष किए। उनके अथक प्रयासों के कारण ही आज यह पद्धति भारतीय चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर चुकी है। सम्मेलन में डॉ. सिन्हा जी की मेहनत और समर्पण को याद किया जाएगा, और उनके दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया जाएगा।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी की विशिष्टता और आवश्यकता
इलेक्ट्रो होम्योपैथी, जिसे इटली के डॉ. काउंट सीजर मैटी ने 1865 में खोजा था, एक अत्याधुनिक और ऊर्जा आधारित चिकित्सा पद्धति है। इसमें औषधियाँ वनस्पति पौधों से तैयार की जाती हैं, जो शरीर में ऊर्जा का संचार करती हैं और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के माध्यम से शरीर के अंगों के सेल और टिश्यू को सक्रिय करती हैं। डॉ. मैटी के अनुसार, शरीर में रस (Lymph) और रक्त (Blood) के दूषित होने से रोग उत्पन्न होते हैं, और इन दोनों चैतन्य पदार्थों को शुद्ध करने वाली औषधियाँ इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रदान करती है। इस पद्धति में न केवल लक्षणों का इलाज किया जाता है, बल्कि रोग के मूल कारणों का भी उपचार किया जाता है, जिससे यह अधिक प्रभावी बनती है।
सरकारी मान्यता की दिशा में प्रयास
इस समय भारत में इलेक्ट्रो होम्योपैथी को सरकारी मान्यता दिलवाने के लिए कई प्रयास हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक आईडीसी टीम का गठन किया गया है, जिसने इस पद्धति के वैज्ञानिक पहलुओं और चिकित्सा में इसके योगदान पर कई बैठकों का आयोजन किया है। इस दिशा में रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जो सरकार को प्रस्तुत की जाएगी। मध्य प्रदेश में भी इस पद्धति की मान्यता के लिए कोशिशें तेज हो चुकी हैं।
सम्मेलन का उद्देश्य
इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य इलेक्ट्रो होम्योपैथी के वैज्ञानिक दृष्टिकोण और इसके प्रभावी इलाज के तरीकों को समाज और सरकार के सामने प्रस्तुत करना है। साथ ही, यह सुनिश्चित करना है कि इस चिकित्सा पद्धति को जल्द से जल्द सरकार से मान्यता मिल सके। सम्मेलन में यह भी चर्चा की जाएगी कि कैसे इलेक्ट्रो होम्योपैथी देश में स्वास्थ्य सेवा के लिए एक मूल्यवान और प्रभावी विकल्प हो सकती है।
सम्मेलन की मुख्य बातें:
- तिथि: 4 दिसंबर 2024
- समय: सुबह 10:00 बजे
- स्थान: बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, होशंगाबाद मार्ग, भोपाल-462026
- आयोजक: इलेक्ट्रो होम्योपैथी काउंसिल ऑफ मध्य प्रदेश
यह सम्मेलन उन सभी चिकित्सा पेशेवरों और रोगियों के लिए एक प्रेरणा साबित होगा जो वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों के प्रति रुचि रखते हैं और जिन्हें इलेक्ट्रो होम्योपैथी के फायदों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी है। साथ ही, यह भारत में इस पद्धति को मुख्यधारा की चिकित्सा पद्धतियों में एक मान्यता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
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